Hindi Shayri --A sensational heart touching verse you need to know
इस ज़माने से ही तुम्हारे होने का पता चला,
यहीं शायर बनकर हम तुम्हारी याद में लिखते रहे।
ज़माना भी हमारा, हम भी तुम्हारे हुए,
इस ज़माने की तस्वीर भी तुम्हारे इशारे हुए।
हमारा आना उन्हें पता ही न चला,
जाने क्यों उन्हें इंतज़ार हमारा ही था ?
तुम्हारी ज़ुल्फ़ का समंदर हमसे न संभाला गया,
समंदरो के तैराक कभी हम भी हुआ करते थे।
दुआ रास आई उनको, कभी रोने से काम नहीं चलता,
हमारी शाम का मंज़र अँधेरा भी वीराना भी।
तुम्हारे वक्त से बढ़कर हमारा कुछ नहीं है अब,
हमारी सांस है तुम संग तुम्हारी क्या हमारी क्या?
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