मंगलवार, 24 दिसंबर 2024

Hindi Shayri-- An ecstacy of new and surprising delight

 यही जिद है हमारी मिलोगे कभी न कभी,

तुम्हारी खामोशी यही शायरी सुनाएगी कभी,

हजार चेहरों में तुम्हे हम नजर आयेंगे,

हमारी बेबसी का सबब तुम ही रहोगी,

हमारा ख़्वाब मिलने का  पूरा  होगा वहीं।

जहाँ का साथ सदियो से तुम्हारे ही निशानो पर

अंधेरे से उजालों तक, उजालों तक, उजालों तक,

हमारी दृष्टि है व्याकुल, यहीं रुकती जहाँ तुम हो 

तुम्हारा  साथ है सुन्दर,  हमारा ही हमारा ही,

हमे तुम मिल गई, तुम सम हमारी ही हमारी ही,

हमें इस भूमि की है कसम हमारा संग यू ही रहे,

हम ही संगम, हम ही हलचल, हम ही सागर, हम ही संगीत,

हमारी ही ध्वनि, हम ही सुनते, हमारा ही समा है यह,

यही है चांद, यही प्रभुता, यही ज्योति, यही दृष्टि, यही सृष्टि,

हुई है आज हमसे अब कुछ इस तरह घुलमिल, एक साया 

हमारा ही हमारे साथ चलता है ....,

हमारे साथ चलने को तुम्हारी  ही जरूरत थी....।







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