हजारों मुश्किलें थी हमको वैसे तो संभलने में...
हमारी सांस मध्यम है, तुम्हारा साथ मिलने तक,
तुम्हारी चाहतों से बढकर जहां मे कुछ नही है अब।
नहीं ज़्यादा की चाहत है बस एक बात ही अच्छी,
ना बरसात अच्छी है ना बेवक्त बरसना ही,
यही सोचा है हमने अब बस एक बूंद यू बरसे,
कि अमृत भी बरसने को तेरी ही चाह में तरसे।
हमारा ही जहां है ये पर हम ही खामोश रहते हैं,
तुमसे ही मिलने को यह नई दुनिया बनायी है।
यही दस्तूर चाहत का, यही खामोश दरिया क्यों,
यही पैगाम अक्सर हम कभी पढ़ते कभी लिखते।
उल्फत और राख की तसवीर ही अच्छी,
एक मिलती नहीं दूसरी बुझती नहीं।
हमारे हमनवा का मन हमारा ही तो कातिल है,
तुमहारे ही तो मिलने को उमर इक याद में ढलती।
Khwab aur Subah
ना रातों में, ना बातों में, ना ख्वाबो में,
ना आँखों में तुम्हें एक बार मिलने को हकीकत ही बदलती है...
हमारा गुम हो जाना तुम्हें अच्छा नहीं लगता,
तुम्हें बेचैन नज़रों से बचाना फ़र्ज़ है मेरा।
Dil ka zazba
तुम्हारा ही यही दिल है तुम्हारा ही रहूंगा मैं,
यहीं कहने को आता हूं हर बार दुनिया में।
दिल, दिमाग और धूल पर कायम है दुनिया,
दिल धड़के तो समझो कि सांस है...
धूल उड़े तो समझो की बस दिमाग ही है।
Milna hi zarur
दिल का आईना जब बने ये नैन तेरे,
समझ तेरी चाहत ने ही तुझको पुकारा है।
हज़ारों की भीड में जब हम नज़र आएं,
समझ, तेरे दिल ने तुम्हे ,मुझे देखने को ही पुकारा है।
Faq-1 भारत का मशहूर शायर कौन है? / मशहूर शायर कौन है?
Ans - भारत का मशहूर शायर बृह्म ही होता है। बह्म अर्थात ईश्वर। ईश्वर ही किसी व्यक्ति के हृदय में वास करता है। हृदय मे कभी शक्ति का वास नहीं होता है। ईश्वर जब अपनी सभी प्रकार की शक्तियों को छोड़कर सिर्फ बह्म स्वरुप में ही होता है तब वह कवि अथवा शायर होता है।
Faq-2 सबसे अच्छी शायरी कौन लिखता है?
Ans - सबसे अच्छी शायरी वही शायर लिखता है जो अपनी आत्माके संग लिखता है। शायर पहले अपने स्वयं के आन्नद, खुशी, औरसम्पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए लिखता है। उसकी स्वयं की खुशी संसार की तसवीर बना देती है। संसार शायर की अभिव्यक्ति को ही सत्य मानकर स्वयं को उससे भाव स्वरूप जोड़ लेता है।
Faq-3 गजल का सबसे अच्छा शायर क्या कहलाता है?
Ans - गजल का सबसे अच्छा शायर कवि ही होता है। जब कोई व्यक्ति ईश्वर के समीप होता है तब ही एक आत्मीय गजल लिखता है। भाव की गहराई ईश्वर की निकटता के फलस्वरूप ही प्राप्त होती है। गजल एक आत्मीय विषय है।गजल लिखने वाला भगवान का प्रिय होता है। गजल ईश्वर के हृदय द्वारा ही अभिव्यक्त एक पद्य विधा है। गजल ईश्वरीय शक्ति द्वारा उन्हे ही अभिव्यक्त करने की विधा है।